फैक्ट चेक: जानिए राष्ट्रपति भवन से सिख सुरक्षाकर्मियों और सेना से सिख सैनिकों को हटाए जाने वाले वायरल दावे का सच?
- सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा दावा
- राष्ट्रपति भवन और सेना से सिख कर्मचारियों को हटाने की कही जा रही बात
- पीआईबी ने बताई सच्चाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जून महीने में खालिस्तान समर्थक सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई। इस वारदात को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया राज्य के सरी में एक गुरूद्वारे के बाहर अंजाम दिया गया। हाल ही में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस पूरे मामले में भारत की भूमिका होने का आरोप लगाया। भारत सरकार ने इस आरोप का खंडन करते हुए हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की किसी भी प्रकार की भूमिका से साफ इंकार किया है।
इन दिनों सोशल मीडिया पर इस पूरे घटनाक्रम से संबंधित एक दावा किया जा रहा है। प्रकाश कुमार भील नाम के एक यूजर ने अपने ट्विटर पोस्ट में लिखा, "सिख लीडर हरदीप सिंह की हत्या में भारत सरकार के शामिल होने को लेकर कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भाषण और सिख समुदाय में इसे लेकर उपजे गुस्से के कारण राष्ट्रपति भवन में तैनात सिख सुरक्षाकर्मियों को बदल दिया गया है। इसके अलावा भारतीय सेना सिख सैनिकों को घर जाने के लिए छुट्टी नहीं दे रही है। उनको डर है कि मोदी अगले इंदिरा हो सकते हैं।"
पड़ताल - भारतीय एजेंसी पीआईबी ने इस वायरल पोस्ट की जांच कर इसे फर्जी बताया है। सिख सैनिकों को छुट्टी नहीं देने की बात पर भारतीय सेना में एडीजीपीआई ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, "ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।" पीआईबी ने अपने ऑफिशियल फेसबुक अकाउंट से पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, "दावे में कहा जा रहा है कि, सिख नेता हरदीप सिंह की मौत के बाद राष्ट्रपति भवन में तैनात सभी सिख सुरक्षाकर्मियों को बदल दिया गया है। साथ ही इंडियन आर्मी सिख सैनिकों को छुट्टी देने से इंकार कर रही है।" पोस्ट में इस दावे की सच्चाई बताते हुए पीआईबी ने आगे लिखा "यह दावा फर्जी है और और वैमनस्यता पैदा करने के इरादे से शेयर किया गया है।"
इस तरह हमनें अपनी पड़ताल में पाया कि राष्ट्रपति भवन में सिख सैनिकों को बदलने और भारतीय सेना का सिख सैनिकों को घर जाने के लिए छुट्टी देने से इंकार करने का दावा करने वाली पोस्ट फर्जी है। वैमनस्यता फैलाने के इरादे से जानबूझकर इस पोस्ट को वायरल किया जा रहा है।